माणा गांव- हिंदुस्तान का आखिरी गांव

Mana Village Chamoli uttarakhand
उत्तराखंड के हर गांव अपने अलग-अलग रहस्यों के प्रसिद्ध है । ऐसा ही एक खूबसूरत गांव है उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले में स्थित माणा गांव (mana gaon) जो गांव दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
शायद ही कोई अन्य गांव होगा, जो माणा गांव जितना प्रसिद्ध होगा. माणा गांव उत्तर दिशा में चीन सीमा की और जाते हुए देश का अंतिम गांव है. जो अपनी एक अलग पहचान रखता है ।
साथ ही आपको गांव के अन्तिम छोर पर व्यास गुफा के पास एक बहुत ही सुंदर बोर्ड मिल जायेगा. ‘भारत की आखिरी चाय की दुकान” इस बोर्ड को देखकर हर तीर्थयात्री इस दुकान में चाय पीने का आनंद जरूर लेना चाहता है। यह अपने आप में एक सुखद एहसास देने वाला पल है । इन दुकानों में चाय के साथ साथ और जरुरी चीज़े भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है ।
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इस दुकान में आपको साधारण चाय से लेकर माणा गांव में पी जाने वाली तुलसी की चाय आदि भी मिल जाएगी . माणा गांव से आगे न तो आबादी है और न ही कोई चाय की दुकान, इसलिए यह दुकान अपने नाम को सार्थक कर रही है.
माणा गांव में स्थित सरस्वती नदी-
माणा गांव (mana gaon) से कुछ ही दूरी पर सरस्वती नदी बहती है. यह वही सरस्वती नदी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह पाताललोक में और अदृश्य होकर बहती है और इलाहाबाद में संगम पर गंगा व यमुना में जाकर मिलती है. यहां सरस्वती नदी पर मशहूर और मिथकीय भीम पुल भी है.
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कहा जाता है कि जब पांडव स्वर्ग कि ओर जा रहे थे तो उन्होंने इस स्थान पर सरस्वती नदी से जाने के लिए रास्ता मांगा,
परन्तु सरस्वती ने उनको मार्ग नहीं दिया और उनकी बात को अनसुना कर दिया . ऐसे में महाबली भीम ने दो बड़ी शिलाएं
उठाकर सरस्वती नदी के ऊपर रख दीं, जिससे इस पुल का निर्माण हुआ. और जिसपर चलकर पांडव आगे चले गए
यह पुल आज भी मौजूद है.
अचंभित करने वाली बात ये भी है कि सरस्वती नदी यहीं पर दिखती है, इससे कुछ दूरी पर यह नदी अलकनंदा में समाहित हो जाती है. सरस्वती नदी यहां से नीचे जाती तो दिखती है, लेकिन नदी का संगम कहीं नहीं दिखता. इस बारे में भी कई कहानिया प्रचलित है, जिनमें से एक यह भी है कि महाबली भीम ने नाराज होकर गदा से भूमि पर प्रहार किया, जिससे यह नदी पाताल लोक में चली गई.
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दूसरा मिथक यह है कि जब गणेश जी वेदों की रचना कर रहे थे, तो सरस्वती नदी अपने पूरे वेग से बह रही थी और साथ ही बहुत शोर कर रही थी. आज भी भीम पुल के पास यह नदी बहुत ज्यादा शोर करती है. गणेश जी ने सरस्वती जी से कहा कि शोर थोड़ा कम करें, मेरे कार्य में व्यवधान पड़ रहा है, लेकिन सरस्वती जी नहीं मानीं. इस बात से नाराज होकर गणेश जी ने इन्हें श्राप दिया कि आज के बाद इससे आगे तुम किसी को नहीं दिखोगी.
Nice
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