जाने, ॐ शब्द की विशेषता व उच्चारण का सही तरीका
‘ॐ’ शब्द से ही इस संसार की उत्पत्ति मानी गयी है। साथ ही ॐ शब्द ईश्वर प्राप्ति का सबसे अच्छा रास्ता बताया गया है।कहा जाता है ‘ॐ‘ शब्द का बहुत महत्व है और यह तीन अक्षरों से मिलकर बना है जो इस प्रकार है – अ, ऊ और म.।
ईश्वर के तीन स्वरूप –
यह तीन शब्द ईश्वर के तीन स्वरूपों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त स्वरूप है और इसी शब्द में सृजन, पालन और संहार, तीनों शामिल हैं. कहते हैं इस शब्द को स्वयं ईश्वर ही माना जाता है और इसके जाप से सारे दुःख दूर किये जा सकते है बहुत कुछ पाया जा सकता है.
साथ में ऐसा भी माना जाता है कि यदि इस शब्द का सही प्रयोग किया जाये तो जीवन की हर समस्या को दूर करने के साथ साथ भगवान प्राप्ति का और मोक्ष का रास्ता बहुत आसानी से मिल जाता है साथ ही जल्द से जल्द हर ख़ुशी को पाया जा सकता है । इस शब्द का सही उच्चारण करने से ईश्वर की उपलब्धि मिल जाती है।
आज हम आपको बताते हैं कि इसका उच्चारण कैसे किया जा सकता है –
‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करने के लिए हमे ब्रह्म मुहर्त या संध्या काल का चुनाव करना चाहिए. वहीं उच्चारण करने से पूर्व
इसकी तकनीक सीख लेनी चाहिए वरना पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. उच्चारण करते समय अपनी रीढ़ की हड़ी को सीधा रखना चाहिए और जब आप ‘ॐ’ का उच्चारण पूर्ण कर लें, तो अगले 10 मिनट तक जल का स्पर्श नहीं करना चाहिए।
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कहते हैं हर दिन इस शब्द का उच्चारण करते रहने से दैवीयता का अनुभव होने लगता है.
चलिए हम आपको बताते हैं कि ‘ॐ’ शब्द का सरल प्रयोग कैसे करें –
उत्तम और बेहतर स्वास्थ्य के लिए- सबसे पहले एक तुलसी का एक बड़ा पत्ता लें. उसके बाद उसे दाहिने हाथ में लेकर ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण 108 बार करें. अब पत्ते को पीने के पानी में डाल दें. पीने के लिए इसी पानी का प्रयोग करें।
मानसिक एकाग्रता तथा शिक्षा में सुधार के लिए- सबसे पहले एक पीले कागज़ पर लाल रंग से ‘ॐ’ लिखें. अब ‘ॐ’ के चारों तरफ एक लाल रंग का गोला बना दें। इसके बाद कागज़ को अपने पढ़ने के स्थान पर अपने सामने लगा लें।
वास्तु दोष के नाश के लिए- सबसे पहले घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ सिन्दूर से स्वस्तिक बनाएं। अब मुख्य द्वार के ऊपर ‘ॐ’ लिखें। ध्यान रहे कि यह प्रयोग मंगलवार को दोपहर को करें।