मेरा पर्स (Motivational story in Hindi)
एक बार एक 60 वर्षीय व्यक्ति बस में जा रहा था। किसी ने बस में उसका पर्स चुरा लिया। व्यक्ति ने बस कंडक्टर से कहा, भाई मेरा पर्स किसी ने चोरी कर लिया है ।
कंडक्टर को एक पर्स मिला। उसने उस व्यक्ति से कहा कि उसे एक पर्स मिला है, लेकिन यह कैसे मान लें कि यह पर्स आपका है। वृद्ध ने कहा कि पर्स में एक भगवान राम की तस्वीर रखी है। कंडक्टर ने कहा कि भगवान राम की फोटो किसी के भी पर्स हो सकती है ।
व्यक्ति ने कहा कि इस तस्वीर के पीछे एक लंबी कहानी है।
कंडक्टर ने ने पूछा कैसी कहानी उस व्यक्ति ने बताया कि यह पर्स बहुत पुराना है जब मैं 14 साल का था और इस पर्स में मैं अपनी फोटो रखता था और यह देखकर बहुत खुश होता था कि मैं कितना स्मार्ट हूं।
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फिर जब मेरी शादी हुई तो मैंने अपनी पत्नी की फोटो पर्स में रखना स्टार्ट कर दिया और बार-बार फोटो देखकर सोचता था किस मेरी पत्नी किस्तनी प्यारी है।
फिर कुछ सालों के बाद, जब मेरे बच्चे हुए , तब बच्चों की फोटो पर्स में आ गयी । फिर बच्चे बड़े हुए और सब अपने अपने काम के लिए इधर उधर चले गए और मैं अकेला हो गया। तब मुझे भगवान की याद आई। और फिर मैंने अपने पर्स में भगवान राम की फोटो रख दी।
मैं जीवन भर अपना अपना प्यार बदलता रहा। कभी अपने से , कभी अपनी पत्नी से , कभी अपने बच्चों से और और सभी मुझे चोरड कर चले गए सिवाय भगवान राम के । जिन्हे मैंने अपने पुरे जीवन में कभी याद तक नहीं किया ।
कंडक्टर ने पर्स उस व्यक्ति को दे दिया ।
दोस्तों ऐसा हम सभी के साथ होता है । जैसे ही हमारे जीवन में कोई बड़ी समस्या आती है तभी हम भगवान को याद करते है । यदि हम अपने जीवन में एक नियम बनाकर भगवान को याद करे तो हमारा जीवन आसान बन जायेगा ।